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Saturday 1 October 2016

Asprisyata(छुआ-छूत)

 

अस्प्रिस्यता यानी कि छुआ-छूत समाज के लिये अभिसाप:-आज हम अपने इस आर्टिकल मे बात करेंगे अस्प्रिस्यता कि यानी  छुआ-छूत  की किस तराह सि छुआ-छूत हमारे देश कि लिये एक कोढ बनता जा रहा है तो आइये चलते है अस्प्रिस्यता कि बारे मे और जंकारी प्राप्त करते है|                                                     आज अस्प्रिस्यता  हमारे देश के लिये  एक कोढ वनते जा रहा है|यदपि आज हमारे देश को आज़ाद हुए 69 वर्ष  हो चुके है लेकिन आज भि हमारे देश के कुछ हिस्सो मे अस्प्रिस्यता की समस्या देखने को मिलती है|अस्प्रिस्यता यानी की छुआ-छूट केवल आज के समय की समस्या नही है वरन याह समस्या युगो-युगो से हमारे समाज मे विद्यमान है राजा -महाराजा के समय मे भि छुआ-छूत देखने को मिलता था|अस्प्रिस्या  लोगो को देखकर सब उनसे दूर भागते थे अस्प्रिस्या लोगो से कोई भि व्यक्ति  बोल-चाल नही रखता है|अस्प्रिस्या लोगो को मंदिर,मस्जिद,गुरुद्वरा,चर्च,तथा अन्य धार्मिक स्थल पर प्रवेश नही दिया जाता था अस्प्रिस्या लोगो के साथ किसी भि धार्मिक स्थल पर बहुत बुरा व्यवहार किया जाता है|पहले जमिन्दारी प्रथा के दौरान अस्प्रिस्या जतिओ पर अत्यधिक जुल्म और अत्याचार किया जाता था उन्हे खाना-पानी के लिये तर्सया जाता था|    अस्प्रिस्या जति के लोग को  कोई भि अपने घर मे नही बुलाता है|लोग याह मानते है कि अस्प्रिस्या लोगो से बोलने बात करने से उन्हे घर मे बुलाने से  उंके घर की पवित्रता  खत्म हो जति है तथा घर  के साथ साथ वे भि अपवित्र हो जति है|अस्प्रिस्या जतिओ को समाज घृणा की नज़रो सि देखता है समाज हमेशा अस्प्रिस्या जतिओ सि नफ़रत करता है समाज नही बल्कि समाज मि रहने वाले लोग अस्प्रिस्यो से नफ़रत करते है|अस्प्रिस्या लोग  या जति उन लोगो को काहा जाता है जो एकदम नीचे तपकि कि जतिओ मे आते है जैसे-हरिजन,धोबी,डोम,और भि कुछ जातिया है जो अस्प्रिस्यता कि दयरे मे आते है इन्ही को अस्प्रिस्या जाति काहा जाता है|ऐसे जति के लोग हमेशा अपने आपको स्वयं कि नज़रो मे गिरा पाते है अस्प्रिस्या जतिओ क हमेशा मज़ाक उदाया जाता है तथा उंका हमेशा तमाशा बनाया जता है|अस्प्रिस्या जति सि हमेशा भेद-भाव किया जता है उन्हे गुलं की तरिके से रक्खा जता है\अस्प्रिस्या लोगो का इस समाज मे उचे लोगो की तराह अधिकार नही होता है अस्प्रिस्या लोगो को हमेशा इस समाज से देश से हटाने क प्रयास किया जाता राहा है,उचे जाति के लोग asprisya जाति के लोगो कि बारे नि याही सोचते hai की अस्प्रिस्या जति के लोग हमारे देश समाज के लिये कलंक है|अस्प्रिस्या लोगो सि हमेशा बुरा बर्ताव किया जाता है उन्हे हमेशा अपमानित और जलिल किया जता है/अस्प्रिस्या लोगो से उंके सारे अधिकार छीन लिये जाते है तथा उन्हे हमेशा नीचा दिखाने क प्रयास किया जाता है|हमारे समाज मे अस्प्रिस्यता की समस्यआ को समाप्त करने क प्रयास हमारेदेश के महान-महान लोगे के द्वारा किया गाया है जैसे माहतमा गांधी,भिमराव अम्बेद्कर,विवेकनन्द,तुल्सिदास,कबिरदस, इन सभी महान लोगो ने छुआ छूत और भेदभाव के फर्क को समाप्त करने क बहुत ज्यदा प्रयास किया तब जाकर आज के समय मे अस्प्रिस्यता कि समस्या बहुत हद तक कम हो गायि है/लेकिन आज भि हमारे देश कि बहुत से हिस्से है जाहा पर अस्प्रिस्यता की समस्या देखने को मिलती है/आज हमे अपने समाज सि अस्प्रिस्यता कीसमस्या को दुर करना है आज कि जमाने मे ना कोई व्यक्ति छोटा है ना बडा है ना छूत है ना अछूत है सब लोग एक बराबर है ईश्वर ने सभी को एक बराबर बनाया है|हम मनुस्या हि है जो भेद-भाव,छुआ-छूत जैसे पखन्डो और अदम्बरो को मानते है /आज समय आ गाया है इन पखन्डो और अदम्बरो  को समाप्त करके भेद भाव तथा  छुआ छूत रहित देश समाज का निर्माण किया जाये|                                                                             published by अश्वनी चौधरी

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